आगामी लोकसभा चुनाव में कांग्रेस और BRS का बहुत कुछ दांव पर है? Telangana Congress and BRS have a lot at stake in the upcoming Lok Sabha elections helobaba.com
30 जनवरी को एक बैठक में आगामी संसदीय चुनावों के लिए तेलंगाना प्रदेश कांग्रेस कमेटी (टीपीसीसी) ने अपने उम्मीदवारों को चुनने का फैसला कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे पर छोड़ दिया. बैठक में यह भी प्रस्ताव रखा गया कि अगर AICC नेता सोनिया गांधी ने कभी भी राज्यसभा के लिए तेलंगाना से चुनाव लड़ने का फैसला किया, तो पार्टी इसे सर्वसम्मति से जीत दिलाएगी.
यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि विधानसभा चुनावों से पहले कांग्रेस ने तर्क दिया था कि तेलंगाना राज्य के गठन का श्रेय सोनिया गांधी को दिया जाना चाहिए, न कि बीआरएस को.
पृथ्वी राज कहते हैं, “कांग्रेस यह सुनिश्चित करने की कोशिश कर रही है कि केसीआर या बीआरएस का तेलंगाना आंदोलन या तेलंगाना भावना पर कोई अधिकार नहीं है. यह दोनों तरह से स्पष्ट है.”
उन्होंने आगे कहा, “कोदंडराम को बढ़ावा देकर और सोनिया गांधी की उम्मीदवारी पर अटकलें लगाकर कांग्रेस तेलंगाना की भावना को भुनाना चाहती है.”
रेवंत रेड्डी ने इंद्रवेल्ली से अपने चुनावी अभियान का शुरू करने का फैसला किया है, जहां 1981 में भूमि अधिकार आंदोलन के दौरान आदिवासियों के एक समूह पर पुलिस ने गोली चलाई थी. ये राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण है, क्योंकि आदिलाबाद उन पूर्ववर्ती जिलों में से एक है जहां बीजेपी की मजबूत उपस्थिति है.
पृथ्वी राज का मानना है, “इंडिया गुट के अंदर कलह और पूरे देश में अयोध्या के नाम पर बीजेपी केंद्र में एक और जीत हासिल कर सकती है. लेकिन क्योंकि कांग्रेस तेलंगाना में सत्तारूढ़ पार्टी है, इसलिए यहां चुनावों में इसका कुछ प्रभाव पड़ेगा.”
कांग्रेस को 17 लोकसभा सीटों में से 12 सीटें जीतने का भरोसा है, जो पिछले चुनाव में जीते हुए तीन सीटों से काफी ज्यादा है.