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“अपमानजनक सामग्री रीट्वीट करना मानहानि के समान”, CM केजरीवाल के खिलाफ चलेगा केस “Retweeting defamatory content amounts to defamation”, case against CM Kejriwal helobaba.com

सीएम अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली हाईकोर्ट में निचली अदालत द्वारा मानहानि मामले को चुनौती दी थी. जिसे हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया और निचली अदालत के आदेश को बरकरार रखा है. इसके साथ ही सख्त टिप्पणी करते हुए कोर्ट ने कहा, “केजरीवाल के काफी फॉलोअर्स हैं और वह वीडियो को दोबारा ट्वीट करने के परिणामों को समझते हैं.”

रिट्वीट करने पर आपराधिक दायित्व के मुद्दे पर पहला फैसला सुनाते हुए जस्‍ट‍िस स्वर्ण कांता शर्मा ने कहा कि साइबर डोमेन में फुसफुसाहट भी काफी हद तक बढ़ जाती है.

जस्टिस शर्मा ने कहा कि मानहानिकारक सामग्री को रीट्वीट करने पर भारतीय दंड संहिता, 1860 की धारा 499 के तहत मानहानि का अपराध माना जाएगा.

बता दें कि केजरीवाल के खिलाफ शिकायत सोशल मीडिया पेज ‘आई सपोर्ट नरेंद्र मोदी’ के संस्थापक विकास सांस्कृत्यायन ने दर्ज कराई थी. उन्होंने दावा किया कि “बीजेपी आईटी सेल पार्ट-2” शीर्षक वाला यूट्यूब वीडियो ध्रुव राठी द्वारा प्रसारित किया गया था और इसमें झूठे और अपमानजनक आरोप लगाए गए थे. राठी ने साल 2018 में वीडियो अपलोड किया था, जिसे दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने रीट्वीट किया था.

केजरीवाल ने 2019 में याचिका दायर की थी. एक समन्वय पीठ ने दिसंबर 2019 में मामले में ट्रायल कोर्ट की कार्यवाही पर रोक लगा दी थी.

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