इलाके में कर्फ्यू, पुलिस ने बयां किया मंजर, क्या है मामला? Haldwani Violence Curfew Imposed DM Press Conference CM Pushkar Singh Dhami High Level Meeting helobaba.com
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स्कूल-कॉलेज बंद
हिंसा की लपटों के बीच शहर में कई जगहों पर तोड़फोड़ और आगजनी की घटनाएं हुईं. उत्तराखंड एडीजी कानून एवं व्यवस्था एपी अंशुमान ने कहा कि स्कूल-कॉलेज बंद करने के आदेश जारी किए हैं. पूरे राज्य में हाई अलर्ट जारी किया गया है.
उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने हिंसा को लेकर उच्च स्तरीय बैठक की है. उन्होंने उपद्रवियों के साथ सख्ती से निपटने को कहा है. सीएम ने उपद्रवियों को देखते ही गोली मारने के आदेश दिए हैं.
नैनीताल की डीएम ने आधिकारिक आंकड़ा बताते हुए कहा है कि हिंसा में 2 लोगों की मौत हुई है, जबकि इससे पहले 8 फरवरी की सुबह उत्तराखंड एडीजी कानून एवं व्यवस्था एपी अंशुमान ने बताया था कि हिंसा में 4 लोगों की मौत हुई है और करीब 100 लोग घायल हुए हैं.
हल्द्वानी के वनभूलपूरा इलाके पर चप्पे-चप्पे पर सुरक्षाबल के जवान तैनात कर दिए गए हैं. इस इलाके में हर ओर गाड़ियां जली पड़ी है, सड़कों पर पत्थरों का ढेर लगा हुआ है. अर्धसैनिक बल की 4 कंपनियां हल्द्वानी के हिंसा प्रभावित इलाके तैनात हैं. ऊधमसिंह नगर से PAC की 2 कंपनियां हल्द्वानी भेजी गई. पूरे इलाका छावनी में तब्दील हो चुका है.
नैनीताल पुलिस ने हिंसा की घटनाओं को देखते हुए इलाके में धारा 144 और कर्फ्यू लगा दिया है. नैनीताल की डीएम वंदना सिंह ने कहा, “हाईकोर्ट के आदेश के बाद हल्द्वानी में जगह-जगह अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई की गई. सभी को नोटिस और सुनवाई का समय दिया गया. कुछ ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया, कुछ को समय दिया गया जबकि कुछ को समय नहीं दिया गया. जहां समय नहीं दिया गया था, पीडब्ल्यूडी और नगर निगम द्वारा तोड़-फोड़ अभियान चलाया गया था. यह एक अलग गतिविधि नहीं थी और इसे किसी विशेष संपत्ति के लिए लक्षित नहीं किया गया था.”
डीएम वंदना ने एक वीडियो दिखाते हुए कहा, “वीडियो में देखा जा सकता है कि पुलिस बल किसी को उकसा और मार नहीं रहा है या किसी को नुकसान नहीं पहुंचा रहा है.”
नैनीताल की डीएम बोलीं, “यह एक खाली संपत्ति है, जिसमें दो संरचनाएं हैं, जो धार्मिक संरचना के तौर पर रजिस्टर नहीं है या इस तरह की कोई मान्यता दी गई है. कुछ लोग इस ढांचे को मदरसा कहते हैं.”
डीएम वंदना सिंह ने कहा, “ये योजना बनाई गई थी कि जिस दिन डिमोलिशन अभियान चलाया जाएगा उस दिन बलों पर हमला किया जाएगा. हमने पत्थरों वाली पहली भीड़ को तितर-बितर कर दिया गया और दूसरी भीड़ जो आई उसके पास पेट्रोल से भरे बोतल थे, उसमें उन्होंने आग लगा के फेंकी. तब तक हमारी टीम ने कोई बल प्रयोग नहीं किया था.”
डीएम बोलीं,
डीएम ने आगे बताया “कुछ लोगों ने फायरिंग की, जवाब में पुलिस ने हवाई फायरिंग की. मृतक की पहचान की जा रही है. हमें यह पता लगाने के लिए इंतजार करना होगा कि क्या वे पुलिस गोलीबारी में मरे हैं या उनके बीच के लोगों द्वारा की गई गोलीबारी में मारे गए हैं”
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रह्लाद मीना ने बताया कि सरकारी जमीन पर अवैध रूप से बने मदरसे पर पहले भी नोटिस दिया गया था.
हल्द्वानी में अदालत के आदेश पर नगर निगम के अधिकारी अवैध बसावट को तोड़ रहे थे. इसी क्रम में वनभूलपूरा में मदरसा को गिराने के लिए नगर निगम की टीम गई.
अतिक्रमण हटाने गई टीम पर भारी पथराव हुआ और हिंसा की शुरुआत हुई. इस बीच हिंसक भीड़ ने एक थाने को भी आग के हवाले कर दिया.
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