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कतर की जेल में बंद 8 पूर्व भारतीय नौसैनिकों की रिहाई की इनसाइड स्टोरी Indian Navy Veterans’ Release From Qatar inside Story helobaba.com

दिसंबर 2023 में, कतर की अपीलीय अदालत ने दहरा ग्लोबल से जुड़े इन व्यक्तियों की मौत की सजा को तीन से 25 साल तक की अलग-अलग सजा में बदल दिया था. दहरा ग्लोबल के एक उच्च पदस्थ अधिकारी कमांडर तिवारी को 25 साल की सबसे लंबी सजा सुनाई गई थी. अन्य को 15, 10 और 3 साल की सजा मिली थी, जिनमें से एकमात्र नाविक रागेश को सबसे कम सजा मिली थी.

अपीलीय अदालत द्वारा उनकी सजा कम किए जाने के बाद, परिवार के सदस्यों ने कतर की सर्वोच्च न्यायिक संस्था, Court of Cassation में अपील करने के संकेत दिए थे. जनवरी की शुरुआत में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि कानूनी टीम को अदालत के आदेश की एक गोपनीय कॉपी मिलने के बाद अपील दायर करने के लिए 60 दिन का वक्त दिया गया था.

प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने कहा कि हमारी कानूनी टीम अगले कदम तय करने के लिए सक्रिय रूप से स्थिति का मूल्यांकन कर रही है, और प्रभावित परिवारों और कानूनी प्रतिनिधियों के साथ संपर्क में बनी हुई है.

हालांकि, न्यायिक प्रक्रिया समाप्त होने से पहले ही पूर्व सैनिकों को रिहा कर दिया है. ये संभवतः भारत सरकार के कूटनीतिक प्रयासों या फिर पूर्व नौसैनिकों के परिवारों की दया याचिका की वजह से हुआ है, बता दें कि कतर के अमीर रमजान और ईद के दौरान माफी देने के लिए जाने जाते हैं.

इसके अलावा, बातचीत से परिचित सूत्रों ने एक अन्य घटना की ओर भी इशारा किया जिससे “वार्ता प्रभावित हो सकती है.”

मामले से जुड़े करीबी सूत्रों ने द क्विंट को बताया, “यह दिलचस्प है कि अभी मंगलवार को, बेटू में भारत ऊर्जा सप्ताह (India Energy Week) के मौके पर, दिल्ली ने कतर से तरलीकृत प्राकृतिक गैस ( liquefied natural gas) आयात करने के लिए एक बड़े समझौते पर हस्ताक्षर किए, जिसकी कीमत काफी कम है. ये वार्ताएं बहुत तनावपूर्ण थीं और महीनों तक चलीं. लेकिन केवल दिसंबर और जनवरी के आसपास सफल हुईं जब सैनिकों को कम सजा दी गई.”

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