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कारों पर घटे आयात शुल्क, Maruti Suzuki के चेयरमैन ने किया कटौती का समर्थन – import duty reduced on cars maruti suzuki chairman supported the reduction helobaba.com

विदेश से वाहन आयात पर शुल्क कटौती के प्रस्ताव का भारतीय उद्योग पुरजोर विरोध कर रहा है मगर सबसे बड़ी देसी कार कंपनी मारुति सुजूकी के चेयरमैन आरसी भार्गव इसका समर्थन करते हैं। उन्होंने कहा कि भारत का वाहन उद्योग भी ब्रिटेन और यूरोपीय संघ (ईयू) के उद्योग जितना प्रतिस्पर्द्धी है, इसलिए उसे संरक्षण देने के नाम पर वहां से आने वाली कारों पर इतना भारी आयात शुल्क लगाने की कोई तुक नहीं है।

भारत-ब्रिटेन मुक्त व्यापार समझौते के तहत भारत भेजी जाने वाली कारों पर शुल्क घटाने की ब्रिटिश सरकार की मांग पर भार्गव ने कहा, ‘यह मेरा नजरिया है और हो सकता है कि उद्योग ऐसा नहीं सोचता हो मगर कार के मामले में हम ब्रिटेन और चीन जितने प्रतिस्पर्द्धी हैं। मुझे लगता है कि कई मॉडलों की कीमत भारत में 20-30 फीसदी कम ही है। इसलिए भारत के साथ एफटीए के तहत कारों पर आयात शुल्क घटाने की जो मांग ब्रिटेन सरकार ने रखी है, उसे खारिज करने की कोई वजह ही नहीं है। मेरे हिसाब से 30 फीसदी शुल्क सही है।’

उन्होंने ब्रिटेन से एक निश्चित संख्या में ही कारें कम शुल्क पर आयात किए जाने के विचार को भी खारिज कर दिया।

बताया जाता है कि भारतीय वाहन निर्माताओं के संगठन सायम ने ब्रिटेन से आयात होने वाली कारों की एक निश्चित संख्या पर चरणबद्ध तरीके से शुल्क घटाने या हटाने का प्रस्ताव रखा था।

आयातित कारों पर अभी 70 से 100 फीसदी शुल्क लगता है। सायम ने धीरे-धीरे कटौती कर पांचवें साल तक 46,200 कारों पर केवल 10 फीसदी कर वसूलने का प्रस्ताव रखा था। कम संख्या में कारों पर आयात शुल्क खत्म करने को भी वह राजी था।

पिछले केंद्रीय बजट में पूरी तरह बनी हुई कारों (सीबीयू) पर आयात शुल्क बढ़ाया गया था। ऐसी 40,000 डॉलर तक कीमत वाली कार पर आयात शुल्क 60 से बढ़ाकर 70 फीसदी कर दिया गया था। इससे अधिक की कीमत वाली कारों पर 100 फीसदी शुल्क था। 40,000 डॉलर से अधिक दाम के सीबीयू इलेक्ट्रिक वाहन पर भी शुल्क 60 फीसदी से बढ़ाकर 70 फीसदी कर दिया गया।

भार्गव ने कहा कि मारुति सुजुकी जैसी कंपनियां हर साल 7 लाख से ज्यादा कारों का निर्यात कर रही हैं। इससे साबित होता है कि भारत वैश्विक स्तर पर होड़ कर रहा है।

उन्होंने जापान का उदाहरण देते हुए कहा कि वहां से सुजूकी छोटी कारों का निर्यात नहीं कर रही है मगर मारुति सुजूकी भारत से छोटी कारें अफ्रीका और पश्चिम एशिया के बाजारों को भेज रही है क्योंकि वह किफायती पड़ता है।

टोयोटा जापान में दाइहात्सु के जरिये छोटी कारें बना सकती है मगर वह भारत में मारुति के जरिये इन्हें बना रही है क्योंकि यहां कार बनाना सस्ता है। इसी तरह सुजूकी की पांच दरवाजों वाली जिम्नी का उत्पादन भी भारत से होने लगा है और यहीं से पूरी दुनिया में इसका निर्यात किया जा रहा है।

टेस्ला के भारत आने और सीबीयू कारों पर बहुत अधिक शुल्क कटौती की उसकी मांग पर भार्गव ने कहा, ‘टेस्ला अच्छे से अच्छा सौदा चाहती है। उसे भारत में भविष्य का बड़ा बाजार नजर आ रहा है। मगर मुझे नहीं पता कि उनकी कुछ खास तरह की जरूरतें हैं या नहीं। परंतु मैं मानता हूं कि छूट दी जाए तो वह उद्योग में हरेक को मिलनी चाहिए।’

First Published – January 4, 2024 | 11:11 PM IST

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