जीत का जुनून नहीं ले जाएगा खुशहाली के रास्ते, भारत के लिए आगे क्या है राह? Ram Mandir Pran Pratishtha Hindus Reclaimed Civilisational heritage But what next helobaba.com
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उन सभ्यताओं के लोगों को सामुदायिक और सामाजिक भलाई के मूल्यों का एहसास मार्क्सवादियों की ओर से इस विचार के भष्ट्र किए जाने के काफी पहले हो गया था.
एडम स्मिथ और जॉन स्टुअर्ट मिल की ओर से व्यक्तिगत स्वतंत्रता का सिद्धांत दिए जाने से बहुत पहले उन सभ्यताओं के लोगों ने इसकी अहमियत समझ ली थी. फिर भी, मिस्र से शुरू होकर, माया, इंकास, एज़्टेक, मेसोपोटामियाई, सुमेरियन, असीरियन, यूनानी और रोमन जैसी पेगन सिविलाइजेशन का अस्तित्व दुनिया से खत्म हो गया.
अयोध्या में राम की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा लेखक के लिए हिंदुत्व या धार्मिकता के प्रदर्शन से ज्यादा एक संदेश है कि बहुदेववाद का विचार मजबूती से लौट आया है. लेखक हिंदू है और बहुदेववाद में विश्वास रखता है. लेखक के लिए अयोध्या का यह समारोह हिंदू सभ्यता के पुनर्जागरण का प्रतीक है. 500 साल पुराना संघर्ष जो, आज राम की जन्मस्थली में वापसी के साथ खत्म हुआ. ये कुछ ऐसा है जिसके लिए हर असली हिंदू जश्न मना रहा है.
अब तक तो सब अच्छा है. बहुदेववादी हिंदुओं ने अपनी सभ्यता की विरासत को फिर से हासिल कर लिया है, लेकिन अब आगे क्या?