पीकेसी-ईआरसीपी के तहत लिंक होगी पार्वती, कालीसिंध और चंबल, राजस्थान-MP-केंद्र के बीच हुआ समझौता, Parvati, Kalisindh Chambal will linked PKC-ERCP, agreement signed between Rajasthan-MP helobaba.com
![पीकेसी-ईआरसीपी के तहत लिंक होगी पार्वती, कालीसिंध और चंबल, राजस्थान-MP-केंद्र के बीच हुआ समझौता, Parvati, Kalisindh Chambal will linked PKC-ERCP, agreement signed between Rajasthan-MP helobaba.com 1 c86d8a16 1b64 4fc8 b5de 80e44501f0b9](/wp-content/uploads/2024/01/c86d8a16_1b64_4fc8_b5de_80e44501f0b9.jpg.webp)
क्या है इस प्रोजेक्ट का लक्ष्य?
पीकेसी-पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना का लक्ष्य दक्षिणी राजस्थान में चंबल और उसकी सहायक नदियां जैसे- कुन्नू, पार्वती और कालीसिंध जैसी नदियों में बरसात के मौसम के दौरान जो पानी जमा होता है, उसका इस्तेमाल करना है. इस नहर का पानी की कमी वाले दक्षिण-पूर्वी जिलों में इस्तेमाल होगा.
दरअसल राजस्थान, मध्य प्रदेश और केंद्र के बीच हुआ यह समझौता बताता है कि, दोनों राज्य पानी को शेयर करेंगे, एक दूसरे को पानी पहुंचाएंगे, प्रोजेक्ट की लागत तीनों (केंद्र) शेयर करेंगे, चंबल बेसिन में जल के मैनेजमेंट और कंट्रोल करने की व्यवस्था होगी.
राजस्थान के जल संसाधन विभाग के अनुसार, राज्य का भौगोलिक क्षेत्र 342.52 लाख हेक्टेयर है जो पूरे देश के 10.4 प्रतिशत के बराबर है. लेकिन यहां भारत के सतही जल का केवल 1.16 प्रतिशत और भूजल का 1.72 प्रतिशत है.
राजस्थान में केवल चंबल नदी बेसिन में ज्यादा पानी है और इस पानी का भी सीधे इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है क्योंकि कोटा बैराज के आसपास के क्षेत्र को मगरमच्छ अभयारण्य के रूप में नामित किया गया है.