मालदीव में क्या कर रही भारतीय सेना, मुइज्जू ने सैनिकों को जाने के लिए क्यों कहा? Maldives asks India to withdraw troops what Indian soldiers are doing there Mohamed Muizzu helobaba.com
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मालदीव में क्या रही है भारतीय सेना?
अक्टूबर, 2023 में क्विंट हिंदी पर एसएनएम अबदी के ओपिनियन आर्टिकल के अनुसार, सेवानिवृत्त वाइस एडमिरल अनिल चावला बताते हैं कि, “भारतीय सैनिक” शब्द के इस्तेमाल से यही धारणा बनती है कि हमारी सेना वहां जमीन पर मौजूद हैं लेकिन सच में ऐसा नहीं है.
अनिल चावला 2018 से 2021 तक कोचीन में दक्षिणी नौसेना कमान के फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ थे. उन्होंने कहा: “मालदीवियों को प्रशिक्षण देने वाले तकनीकी कर्मचारियों और पायलटों को सैनिक बताना गलत है. वे हथियारबंद स्टाफ नहीं हैं. सैनिकों का अर्थ आक्रामक होता है. वे अनिवार्य रूप से विमान के रखरखाव के लिए हैं न कि युद्ध के लिए.
भारत की वहां पर नौसैनिक मौजूदगी भी है. उसने 10 तटीय निगरानी रडार स्थापित किए हैं. मई 2023 में, रक्षा मंत्री, राजनाथ सिंह ने उथुरु थिला फाल्हू द्वीप में एक तटरक्षक बंदरगाह के निर्माण का उद्घाटन किया और एमएनडीएफ को एक फास्ट पेट्रोल जहाज और एक लैंडिंग क्राफ्ट असॉल्ट जहाज सौंपा.
कमोडोर सी उदय भास्कर भी कुछ इसी तरह की बात करते हैं. अनिल चावला की बात का समर्थन करते हुए वो कहते हैं मालदीव में भारतीय सैनिकों की मौजूदगी होने की बात वाजिब नहीं है.
एक इंडिपेंडेंट थिंक टैंक सोसाइटी फॉर पॉलिसी स्टडीज (SPS) के डायरेक्टर उदय भास्कर ने कहा:
अनिल चावला ने कहा कि अगर हालात ज्यादा खराब हुए और मुइज्जू, नई दिल्ली को भारतीय रक्षा कर्मियों को वापस लेने के लिए कहते हैं और आखिर उनकी वहां से वापसी हो जाती है तो इसका मतलब होगा कि विमान को भी वापस लाना होगा, क्योंकि उन्हें संचालित करने और सेवा देने वाला कोई नहीं होगा, जो निश्चित रूप से मालदीव की समुद्री सुरक्षा और भलाई में मुश्किलें खड़ी करेगा.
वो आगे कहते हैं कि, “ऐसा फैसला करना मालदीव का अपना अधिकार है और हम उनके फैसले का पालन करेंगे. अपने कर्मियों और संपत्तियों को वापस ले लेंगे. मुझे उम्मीद है कि ऐसा नहीं होगा, लेकिन अगर ऐसा होता है तो एक लोकतांत्रिक और कानून का पालन करने वाला देश होने के नाते हम उनके अनुरोध का पालन करेंगे.”
इस आर्टिकल के मुताबिक भारतीय सेना का स्टाफ मालदीव में मौजूद है जो वहीं तकनीकी सहायता के लिए है.