राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के बाद आडवाणी को भारत रत्न- आप क्रोनोलॉजी समझिए Bharat Ratna To LK Advani Days After the Ram Mandir’s Consecration helobaba.com
![राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के बाद आडवाणी को भारत रत्न- आप क्रोनोलॉजी समझिए Bharat Ratna To LK Advani Days After the Ram Mandir's Consecration helobaba.com 1 Lal Krishna Advani Bharat Ratna](/wp-content/uploads/2024/02/Lal_Krishna_Advani_Bharat_Ratna.jpg.webp)
बीजेपी ने एक ताना-बाना बुना है. रामलला की पवित्र प्रतिष्ठा से लेकर राम मंदिर आंदोलन के मुख्य शिल्पी लाल कृष्ण आडवाणी के लिए भारत रत्न की घोषणा तक. यह राजनीतिक सिंफनी खूबसूरती से कोरियोग्राफ की गई है जोकि आने वाले आम चुनावों की तैयारी है.
गूंज साफ बताती है: बीजेपी की रणनीतिक चाल जीत के ऐलान जैसी है. 2024 की चुनावी जंग हिंदुत्व, राष्ट्रवाद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की विशाल उपलब्धियों के आधार पर तैयार की जाएगी.
यह क्रोनोलॉजी कोई इत्तेफाक नहीं है, बल्कि सोची-समझी योजना के तहत ऐसा किया गया है. यह मतदाताओं को बताता है कि आने वाले चुनावों पर हिंदुत्व की विचारधारा, राष्ट्रवाद की भावना और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उपलब्धियां हावी रहेंगी.
राम मंदिर आंदोलन के पुरोधा आडवाणी को सम्मान देने के पीछे यह जताना भी है कि पार्टी अपने वैचारिक खूंटे से बंधी है.
जैसा कि देश 2024 के राजनीतिक उत्थान का बेसब्री से इंतजार कर रहा है, बीजेपी ने अपनी विचारधारा का परचम फहराया है, और साहसपूर्वक कहा है कि आने वाले चुनावों में हिंदुत्व, राष्ट्रवाद और प्रधानमंत्री मोदी की परिवर्तनकारी विरासत, तीनों की छाप होगी. मंच सज चुका है. 2024 के लिए बीजेपी की सिंफनी में हिंदुत्व और राष्ट्र के सामूहिक गौरव की तानें छेड़ी जाने वाली हैं.
[लेखक सेंट जेवियर्स कॉलेज (स्वायत्त), कोलकाता में पत्रकारिता पढ़ाते हैं और एक स्तंभकार हैं (वह @sayantan_gh पर ट्वीट करते हैं.) यह एक ओपिनियन है और ऊपर व्यक्त विचार लेखक के अपने हैं. क्विंट न तो उनका समर्थन करता है और न ही उनके लिए जिम्मेदार है.]
(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)