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“शिंदे गुट ही असली शिवसेना”, महाराष्ट्र स्पीकर के फैसले से उद्धव ठाकरे को झटका helobaba.com

स्पीकर ने अपने फैसले में क्या कहा?

इसके साथ ही स्पीकर ने फैसला सुनाते हुए सीएम एकनाथ शिंदे को शिवसेना के ग्रुप लीडर के पद से हटाने के फैसले को पलट दिया है. उन्होंने कहा कि शिवसेना ‘प्रमुख’ के पास किसी भी नेता को पार्टी से निकालने की शक्ति नहीं है.

उन्होंने फैसला सुनाते हुए कहा कि प्रतिद्वंद्वी गुट के उभरने के बाद से सुनील प्रभु पार्टी के सचेतक/ व्हिप नहीं रहे. उनकी जगह भरत गोगावले को वैध रूप से व्हिप नियुक्त किया गया और एकनाथ शिंदे को वैध रूप से शिव सेना राजनीतिक दल का नेता नियुक्त किया गया.

इसके साथ ही स्पीकर ने अपना फैसला सुनाते हुए कहा, “शिवसेना के 2018 संशोधित संविधान को वैध नहीं माना जा सकता क्योंकि यह भारत के चुनाव आयोग के रिकॉर्ड में नहीं है. रिकॉर्ड के अनुसार, मैंने वैध संविधान के रूप में शिव सेना के 1999 के संविधान को ध्यान में रखा है.”‘

ये पूरा विवाद जून 2022 में शुरू हुआ था, जब एकनाथ शिंदे ने उद्धव ठाकरे से बगावत करते हुए पार्टी तोड़ दी थी. तब उन्हें 16 विधायकों का समर्थन था. इस दौरान अविभाजित शिवसेना के मुख्य सचेतक के रूप में सुनील प्रभु ने शिंदे सहित 16 विधायकों के खिलाफ अयोग्यता का नोटिस जारी किया था.

तत्कालीन मुख्य सचेतक के नोटिस के खिलाफ शिंदे गुट के बागी विधायकों ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था.

वहीं शिंदे ने बीजेपी के साथ मिलकर प्रदेश में सरकार बनाई और खुद मुख्यमंत्री बने. तब तक शिंदे गुट के विधायकों की संख्या 40 हो गई थी. इस दौरान दल-बदल विरोधी कानूनों, व्हिप का उल्लंघन आदि के तहत एक-दूसरे के विधायकों के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए क्रॉस-याचिकाएं दायर की थीं.

इसके बाद फरवरी 2023 में चुनाव आयोग ने भी एकनाथ शिंदे गुट को असली शिवसेना करार दिया. चुनाव आयोग ने एकनाथ शिंदे गुट को पार्टी नाम के साथ-साथ ‘धनुष और तीर’ चुनाव चिह्न भी दे दिया. चुनाव आयोग ने यह भी घोषणा की कि उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली पार्टी का नाम ‘शिवसेना यूबीटी’ और चुनाव चिन्ह ‘मशाल’ ही रहेगा.

इस पूरे मामले पर मई में सुप्रीम कोर्ट ने स्पीकर को असली शिवसेना पर अपना फैसला सुनाने का निर्देश दिया था और फिर उन्हें अयोग्यता याचिकाओं पर 31 दिसंबर तक अपना फैसला देने को कहा था. इसके बाद 20 दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट ने फैसला देने के लिए 10 जनवरी तक का समय दिया.

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