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सत्यपाल मलिक के घर-दफ्तर पहुंची CBI, कथित भ्रष्टाचार की जांच का मामला, CBI reached Satyapal Malik’s home and office, investigation into alleged corruption helobaba.com

जम्मू कश्मीर (Jammu Kashmir) के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक (Styapal Malik) के परिसरों पर सीबीआई पहुंची है. सीबीआई जम्मू कश्मीर में एक जल विद्युत परियोजना (Hydel Project) का ठेका देने में कथित भ्रष्टाचार की जांच के सिलसिले में सत्यपाल मलिक से जुड़े परिसरों सहित 30 से अधिक स्थानों पर तलाशी ले रही है.

छापेमारी को लेकर सत्यपाल मलिक ने अपने ट्वीट में कहा “पिछले 3-4 दिनों से मैं बीमार हूं और अस्पताल में भर्ती हूं. इसके बावजूद मेरे मकान में तानाशाह द्वारा सरकारी एजेंसियों से छापे डलवाएं जा रहें हैं. मेरे ड्राईवर, मेरे साहयक के ऊपर भी छापे मारकर उनको बेवजह परेशान किया जा रहा है. मैं किसान का बेटा हूं, इन छापों से घबराऊंगा नहीं. मैं किसानों के साथ हूं.”

सत्यपाल मलिक ने अपने ट्वीट में आरोप लगाते हुए कहा कि, “मैंने भ्रष्टाचार में शामिल जिन व्यक्तियों की शिकायत की थी की उन व्यक्तियों की जांच ना करके मेरे आवास पर CBI द्वारा छापेमारी की गई है. मेरे पास 4-5 कुर्ते पायजामे के सिवा कुछ नहीं मिलेगा. तानाशाह सरकारी एजेंसियों का गलत इस्तेमाल करके मुझे डराने की कोशिश कर रहा है. मैं किसान का बेटा हूं, ना में डरूंगा, ना झुकूंगा.”

क्या मामला है?

हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, अधिकारियों ने बताया कि यह मामला किरू हाइड्रो इलेक्ट्रिक पावर प्रोजेक्ट (HEP) के 2,200 करोड़ रुपये के सिविल कामों को आवंटित करने में कथित भ्रष्टाचार से संबंधित है.

वहीं, 23 अगस्त, 2018 से 30 अक्टूबर, 2019 के बीच जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल के रूप में कार्य करने वाले सत्यपाल मलिक ने दावा किया था कि उन्हें 624-मेगावाट से संबंधित दो फाइलों को मंजूरी देने के लिए 300 करोड़ की रिश्वत की पेशकश की गई थी.

किरू परियोजना, किश्तवाड़ जिले में चिनाब नदी पर एक रन-ऑफ-रिवर योजना है.

दरअसल इस मामले की जांच पहले से चल रही है और इसी सिलसिले में केंद्रीय एंजेसी ने पिछले महीने दिल्ली और जम्मू-कश्मीर में लगभग आठ स्थानों पर तलाशी ली थी.

सीबीआई ने 21 लाख से अधिक की नकदी के अलावा डिजिटल उपकरण, कंप्यूटर, संपत्ति दस्तावेज और आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद किए थे.

सीबीआई के एक प्रवक्ता ने कहा था कि यह मामला एक निजी कंपनी सीवीपीपीपीएल के तत्कालीन अध्यक्ष, एमडी और निदेशकों और अज्ञात अन्य लोगों के खिलाफ जम्मू-कश्मीर सरकार से प्राप्त एक संदर्भ के आधार पर दर्ज किया गया था.

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