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स्थानीय नेता चाहते हैं कि केंद्र सरकार उनकी मांग सुने, और माने भी Ladakh Crisis Local Leaders Centre talks demand of statehood sixth schedule Modi Government J and k helobaba.com

दिल्ली-लद्दाख वार्ता में प्रगति

लद्दाख के लोगों का प्रतिनिधित्व करने वाले इन समूहों की कई मांग हैं, जैसे भारतीय संविधान की छठी अनुसूची के अनुसार संवैधानिक उपाय, लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा, शीघ्र भर्ती प्रक्रिया, लद्दाख के लिए एक लोक सेवा आयोग, लेह और कारगिल जिलों के लिए अलग लोकसभा सीटें.

केडीए के सदस्य सज्जाद कारगिली ने कहा, “हम एक कदम आगे बढ़ गए हैं क्योंकि केंद्र हमारे चार सूत्री एजेंडा को चर्चा में शामिल करने के लिए राजी हो गया है. हमें उम्मीद है कि अगली बैठक भी सफल होगी.

केंद्र शासित प्रदेश को लेकर लोगों की राय बंटी हुई है

यहां यह बताना जरूरी है कि 5 अगस्त 2019 को पूर्ववर्ती जम्मू और कश्मीर राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों- जम्मू और कश्मीर और लद्दाख में विभाजित किया गया था.

विशेष दर्जा हटने के बाद से मुस्लिम बहुल कारगिल जिले ने जम्मू-कश्मीर से अलग होने के खिलाफ कड़ी नाराजगी जताई. दूसरी तरफ लद्दाख के लोग केंद्र शासित प्रदेश के दर्जे से बेहद खुश हुए.

स्थानीय निवासियों का आरोप है कि केंद्र सरकार ने केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा देने की आड़ में उन्हें धोखा दिया, क्योंकि उन्हें उम्मीद थी कि उन्हें विधायी शक्ति मिलेगी, और उनकी जमीन और रोजगार महफूज होंगे.

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