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हल्द्वानी के स्थानीय मुसलमानों के गंभीर आरोप Haldwani Violence madarsa demolition local Muslims allege police crackdown Uttarakhand ground report helobaba.com

उसी शाम रुखसाना* के पति रहीम* को भी हिरासत में ले लिया गया. रुकसाना के अनुसार पुलिस ने कहा कि 8 फरवरी को हुई पत्थरबाजी के लिए उसका पति जिम्मेदार है, जबकि वह मौके पर मौजूद ही नहीं था.

रुखसाना ने कहा, “वह बहुत सारे पुलिसकर्मी थे, उन्होंने बाहर कारों और टेम्पो को नुकसान पहुंचाया. उस वक्त मैं और मेरी बेटी कुरान पढ़ रहे थे .”

उन्होंने आगे कहा, “उन्होंने मेरे पति को बाहर बुलाया. बिस्तर बाहर फेंक दिया और उन्हें इतना पीटा कि उनका पैर टूट गया. उन्होंने उन्हें सड़क पर ही छोड़ दिया. उन्होंने हमें भी मारा.”

‘भाई आईसीयू में जिंदगी और मौत से लड़ रहा है’

पुलिस ने कहा है कि हिंसा में कम से कम छह लोग की मारे गए हैं. जबकि कई ऐसे अन्य स्थानीय लोग भी हैं जिनको गोली लगी है और वह अस्पतालों में अपना इलाज करवा रहे हैं.

उनमें से एक हैं 30 वर्षीय मोहम्मद शाहनवाज. शाहनवाज हल्दवानी के एक दर्जी हैं.

उनके भाई मोहम्मद सरफराज ने द क्विंट को बताया, “फायरिंग में उनके सीने में गोली लगी और वह आर-पार हो गई. दूसरी रबर की गोली उनके कंधे पर लगी जिससे कंधा टूट गया है. अब उनकी हालत काफी गंभीर है और आईसीयू में गए उन्हें 3 दिन से ज्यादा हो गए हैं.”

सरफराज ने आरोप लगाया कि 8 फरवरी की हिंसा बनभूलपुरा के गांधी नगर में कुछ उपद्रवियों ने रची थी. उन्होंने कहा कि घटना में मुसलमानों को फंसाया गया है और जांच पूरी होने के बाद सच्चाई सामने आ जाएगी.

अपने बात को साबित करने के लिए सरफराज ने कहा, “उदाहरण के लिए, अगर यहां कुल 100 आदमी हैं, तो उनमें से 20 उस समय वहां थे और 80 अपने काम पर थे. तो फिर अचानक से इतनी भीड़ कैसे आ गई? मैं खुद नहीं जानता. उस दिन, रोजा का समय था. क्योंकि अगले दिन, हम शब-ए-मिराज मनाते हैं.”

‘उन्होंने मेरे बेटे का सिर फोड़ दिया’

10 फरवरी को पुलिस ने कथित तौर पर आयशा के 23 वर्षीय बेटे अर्सलान को गिरफ्तार किया. अर्सलान फर्नीचर बिजनेस में है. आयशा ने आरोप लगाया कि पुलिस ने उसके बेटे को इतना पीटा कि उसका सिर फट गया.

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