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84% भारतीय आंख खुलते के तुरंत बाद फोन को देखते हैं, 50% को यह भी नहीं पता कि वे फोन क्यों देख रहे हैं… helobaba.com

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ऑनलाइन शॉपिंग (Online Shopping), ट्रैवल बुकिंग, रिमाइंडर, ऑफिस मीटिंग से लेकर व्लॉगिंग तक स्मार्टफोन वन इन ऑल है. इसमें कोई दो राय नहीं की भारत स्मार्टफोन का बड़ा मार्केट है. इस बात का अंदाजा बोस्टन कंसल्टिंग ग्रुप की एक रिपोर्ट

 से लगाया जा सकता है. हाल ही में जारी हुए (BCG) की रिपोर्ट में ये खुलासा हुआ है कि 84% भारतीय सो कर उठने के बाद 15 मिनट के अंदर ही अपना फोन लपक कर चेक करते हैं. इतना ही नहीं ये भी बात सामने आई है कि लोग सामान्य तौर पर दिनभर में औसतन 80 बार फोन चेक करते हैं.

84% भारतीय आंख खुलते के तुरंत बाद फोन को देखते हैं, 50% को यह भी नहीं पता कि वे फोन क्यों देख रहे हैं...
सतना टाइम्स डॉट इन

स्ट्रीमिंग कंटेंट को लेकर क्रेज

भारत में इंटरनेट स्पीड (Internet Speed) समय के साथ काफी बेहतर हुई है. अब तो डेटा पैक (Data Pack) भी ठीक ठाक रेट में मिल जाते हैं. रिजल्ट ये है कि इंटरनेट का इस्तेमाल 71% बढ़ गया है. ज्यादातर लोग फोन इस्तेमाल करते समय अपना 50% समय स्ट्रीमिंग कंटेंट (streaming content) देखने में बिताते हैं.  और इसमें 18-24 साल के लोग यानी की युवा पीढ़ी इंस्टाग्राम रील्स (Instagram Reel), यूट्यूब शॉर्ट्स (You Tube Shorts) जैसे शॉर्ट फॉर्म वीडियो पर ज्यादा समय दे रही है.

इस रिपोर्ट में स्मार्टफोन यूजर्स के रवैये को लेकर तीन अनोखी बात सामने आई है. 

  • फोन चलाने के दौरान 55% मामलों में लोगों को पता नहीं होता कि वो किस इरादे से फोन चला रहे हैं (कह सकते हैं कि एवैई फोन चला रहे हैं).  
  • 50% समय वो किसी न किसी काम के लिए फोन चलाते हैं. 
  • 5% से 10% मामलों में लोगों को आधा अधूरा ही पता होता है कि वो क्यों फोन चला रहे हैं.

स्मार्टफोन पर ज्यादा समय बिताने की वजह से डेली रुटीन पर भी असर पड़ने की बात सामने आई है.‘Impact of Smartphones on Parent-Child Relationship’ की एक रिपोर्ट के मुताबिक 94% पेरेंट्स ने ज्यादा फोन का इस्तेमाल करने से उनके बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य को लेकर चिंता जाहिर की है.  वहीं 91% लोगों ने इस पर रोक की भी वकालत की है.



BCG रिपोर्ट के लिए 30 दिन के बीच 1100 से ज्यादा स्मार्टफोन यूजर्स को स्टडी में शामिल किया गया. हर  उम्र, लिंग, आय और क्षेत्र को ध्यान में रखते हुए लोगों से बातचीत,इंटरव्यू , चर्चा करने के बाद डेटा का विश्लेषण किया गया था.

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