सेना के ‘दुलारे’ नवाज इंतजार में, इमरान रेस से बाहर नहीं- अभी कतार में Army supported Nawaz waiting, Imran not out of the race, still in the queue helobaba.com
अर्थव्यवस्था हो या सुरक्षा, पाकिस्तान के आंतरिक मुद्दे दबाव डाल रहे हैं
पाकिस्तान में किसी भी सरकार के सामने सबसे बड़ी समस्या उसकी आर्थिक स्थिति है. दो साल की बढ़त के बाद 2023 में अर्थव्यवस्था गिर गई. मुद्रास्फीति 40 प्रतिशत के करीब है, घाटा बढ़ रहा है, कर्ज आसमान पर है, और निवेश दुर्लभ है, विकास रुका हुआ है.
जो भी सरकार सत्ता में आएगी उसे एक बार फिर IMF और खाड़ी देशों के साथ मिलकर काम करना होगा.
वैसे भी आंतरिक सुरक्षा व्यवस्था उतनी अच्छी नहीं है. तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) के साथ बातचीत की कोशिशें नाकाम रही हैं. TTP ने खैबर पख्तूनख्वा से पाकिस्तानी सेना की वापसी और वहां इस्लामी कानून की घोषणा सहित कठिन शर्तें रखीं, जो सेना को बिल्कुल भी स्वीकार्य नहीं थीं.
दिसंबर में पाकिस्तान के नए सेना प्रमुख असीम मुनीर ने अमेरिका का दौरा किया और TTP से लड़ने के लिए अमेरिकी सैन्य और आर्थिक सहायता मांगी. लेकिन वाशिंगटन अब TTP को खतरे के रूप में नहीं देखता है.
जैसा कि पाकिस्तानी टिप्पणीकार आयशा सिद्दीका ने कहा, उनकी यात्रा सिर्फ एक सेना प्रमुख के रूप में नहीं थी, बल्कि “एक वास्तविक मार्शल लॉ प्रशासक” के रूप में थी जो पाकिस्तान के राजनीतिक और आर्थिक भविष्य को निर्देशित कर रहा है.
(लेखक ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन, नई दिल्ली के प्रतिष्ठित फेलो हैं. यह एक ओपिनियन पीस है और ऊपर व्यक्त विचार लेखक के अपने हैं. क्विंट न तो इसका समर्थन करता है और न ही इसके लिए जिम्मेदार है.)
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