नवाज ने खुद नहीं, भाई शहबाज शरीफ क्यों PM चुना? सिर्फ सेना ही वजह नहीं Pakistan Election Shahbaz Sharif to became PM why Nawaz Sharif nominated brother Imran Khan helobaba.com
2007 में शरीफ बंधुओं को 2008 के संसदीय चुनावों से पहले पाकिस्तान लौटने की अनुमति दी गई. इस बीच, 2008 के चुनावों में शहबाज शरीफ फिर से पंजाब के मुख्यमंत्री चुने गए. उन्होंने एक सक्षम प्रशासक के रूप में अपनी पहचान कायम की, विकास परियोजनाओं को आगे बढ़ाया, शिक्षा तक पहुंच में सुधार किया और नौकरशाही में करप्शन पर कंट्रोल किया.
2013 में एक बार फिर मुख्यमंत्री बने. दूसरे कार्यकाल में उनकी सबसे शानदार काम लाहौर में ओरेंज लाइन मेट्रो ट्रेन प्रणाली का निर्माण था, जो पाकिस्तान में अपनी तरह की पहली परियोजना थी. पंजाब में अपनी सफलताओं के बावजूद, शरीफ को स्वास्थ्य देखभाल और कृषि सुधारों जैसे मुद्दों की उपेक्षा के लिए आलोचना का सामना करना पड़ा.
2015 के पनामा पेपर्स मामले में शहबाज शरीफ के बड़े भाई नवाज और लगभग पूरे परिवार का नाम सामने आया. हालांकि, शहबाज शरीफ को सीधे तौर पर फंसाया नहीं गया था, लेकिन जून 2017 में सुप्रीम कोर्ट द्वारा की गई जांच में उन्हें गवाही का सामना करना पड़ा. इस मामले में नवाज शरीफ को सार्वजनिक पद संभालने से अयोग्य घोषित किया गया. बाद में वे लंदन चले गए.
बड़े भाई के अनुपस्थिति में शहबाज शरीफ को पीएमएल-एन की बागडोर संभालनी पड़ी. 2018 में इमरान खान के नेतृत्व में पीटीआई सरकार में आई तब शहबाज विपक्ष के नेता चुने गए.
2022-23 तक रहे पाकिस्तान के प्रधानमंत्री
पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट (पीडीएम) गठबंधन ने अप्रैल 2022 में अविश्वास प्रस्ताव के माध्यम से इमरान खान की सरकार को हटा दिया. उनके स्थान पर शहबाज शरीफ को प्रधानमंत्री चुना गया. इस छोटे से कार्यकाल में शहबाज शरीफ को पाकिस्तान के आर्थिक संकट, टीटीपी के आतंकी हमले, बाढ़, और पीटीआई के समर्थकों के विरोध जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ा.
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