AAP के कुलदीप कुमार बने चंडीगढ़ के मेयर, SC ने चुनाव का विजेता घोषित किया Chandigarh Mayor Election SC verdict helobaba.com
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चंड़ीगढ़ मेयर चुनाव में कुल 36 वोट हैं, इसमें 35 वोट नगर निगम के पार्षदों के हैं, जबकि एक वोट सासंद का होता है.
30 जनवरी को हुए चुनाव के दौरान बीजेपी उम्मीदवार मनोज सोनकर को कुल 16 वोट मिले थे, जिसमें 15 वोट बीजेपी पार्षदों का था. वहीं आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के संयुक्त उम्मीदवार कुलदीप कुमार को 20 वोट मिले थे, लेकिन रिटर्निंग ऑफिसर ने 8 वोटों को अमान्य करार कर दिया था. जिसके बाद बीजेपी के उम्मीदवार से ज्यादा वोट मिलने के बावजूद AAP के कुलदीप टीटा चुनाव हार गए थे.
अरविंद केजरीवाल ने SC का जताया आभार
फैसले के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शीर्ष अदालत का आभार जताते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा, “इस कठिन समय में लोकतंत्र को बचाने के लिए SC का धन्यवाद!”
एक दूसरे ट्वीट में अरविंद केजरीवाल ने लिखा, “कुलदीप कुमार एक गरीब घर का लड़का है. INDIA गठबंधन की ओर से चंडीगढ़ का मेयर बनने पर बहुत बहुत बधाई. ये केवल भारतीय जनतंत्र और माननीय सुप्रीम कोर्ट की वजह से संभव हुआ. हमें किसी भी हालत में अपने जनतंत्र और स्वायत्त संस्थाओं की निष्पक्षता को बचाकर रखना है.”
AAP के साथ गठबंधन में मेयर चुनाव लड़ने वाली कांग्रेस ने ट्वीट करते हुए लिखा
आम आदमी पार्टी ने अपने आधिकारिक X हैंडल पर लिखा, “सत्यमेव जयते!”
पंजाब के सीएम भगवंत मान ने ट्वीट किया, “आखिरकार सत्य की जीत हुई… चंडीगढ़ में मेयर चुनाव को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हम स्वागत करते हैं… पीठासीन अधिकारी द्वारा खारिज किए गए 8 वोटों को सही ठहराते हुए CJI ने AAP के कुलदीप कुमार को मेयर घोषित किया… बीजेपी द्वारा सरेआम की गई गुंडागर्दी का उन्हें मुंहतोड़ जवाब मिला है… लोकतंत्र की इस बड़ी जीत पर चंडीगढ़वासियों को बहुत-बहुत बधाई…”
सुप्रीम कोर्ट ने रिटर्निंग ऑफिसर को लगाई है फटकार
बार एंड बेंच की रिपोर्ट के अनुसार सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि चंडीगढ़ मेयर चुनाव के रिटर्निंग ऑफिसर अनिल मसीह के खिलाफ सीआरपीसी की धारा 340 के तहत कार्यवाही शुरू करने के लिए एक उपयुक्त मामला बनता है. कोर्ट ने रजिस्ट्रार ज्यूडिशियल को निर्देश दिया कि वह उन्हें नोटिस जारी कर पूछे कि उनके खिलाफ कदम क्यों न उठाए जाएं.
इससे पहले 19 फरवरी को सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा था कि अनिल मसीह पर मुकदमा चलाया जाना चाहिए क्योंकि वह चुनाव प्रक्रिया में हस्तक्षेप कर रहे थे.
इसके साथ ही, सुप्रीम कोर्ट ने हॉर्स ट्रेडिंग को लेकर चिंता जताई. हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, कोर्ट ने कहा-