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BJP दफ्तर के बाहर नियोजित शिक्षकों पर लाठीचार्ज, क्यों कर रहे विरोध प्रदर्शन? Why are employed teachers protesting in Patna, Bihar? helobaba.com

बिहार (Bihar) के पटना (Patna) में नियोजित शिक्षकों की भीड़ जमा है. करीब 4 लाख नियोजित शिक्षकों के संघ ने 13 फरवरी को विधानसभा घेराव का ऐलान किया गया था, जिसके लिए पटना के गर्दनीबाग इलाके में नियोजित शिक्षक विरोध प्रदर्शन के लिए जमा हुए थे. इसे देखते हुए प्रशासन की तरफ से भारी संख्या में पुलिस बल की तैनाती कर दी गई. शाम होते-होते शिक्षक बिहार के नए डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी से मिलने की मांग को लेकर बीजेपी ऑफिस के बाहर पहुंच गए, जहां पुलिस ने लाठीचार्ज किया. लेकिन सवाल है कि नियोजित शिक्षक कौन हैं? और वे क्यों विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं?

कौन हैं नियोजित शिक्षक?

नियोजित शिक्षक नगर निकाय के कर्मचारी होते हैं और वो पंचायत के अधीन भी होते हैं यानी वे राज्य सरकार के कर्मचारी नहीं कहलाते. स्थानीय निकाय के ये शिक्षक सरकारी स्कूलों में पढ़ाते हैं. अब चूंकी ये सीधे राज्य सरकार के अधीन नहीं होते इसीलिए उन्हें ट्रांसफर, प्रमोशन, वेतन बढ़ोतरी, डीए समेत राज्य सरकार की कई सुविधाओं का फायदा नहीं मिलता.

साल 2003 में शिक्षकों की कमी होने पर राज्य सरकार ने 10वीं, 12वीं पास युवाओं को शिक्षा मित्र के रूप में रखा था. इन शिक्षकों को 11 महीने के कांट्रैक्ट पर रखा गया था. फिर साल 2006 में इन शिक्षा मित्रों को ही नियोजित शिक्षक (Contract Teacher) के तौर पर मान्यता दे दी गई और इनकी सैलरी में भी बढ़ोतरी हुई. मौजूदा वक्त में नियोजित शिक्षकों में प्राइमरी टीचरों को 22 से 25 हजार रुपये, माध्यमिक शिक्षकों को 22 से 29 हजार रुपये, हाई स्कूलों के ऐसे शिक्षकों को 22 से 30 हजार रुपये मिलते हैं.

बाद में इन शिक्षकों ने सरकारी कर्मचारी का दर्जा की मांग उठाई, जिसे देखते हुए नीतीश कुमार सरकार ने शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा देने के लिए कुछ शर्तें रखीं. शर्त ये थी कि इन शिक्षकों को परीक्षा का सामना करना पड़ेगा और वो परीक्षा सक्षमता यानी कॉम्पिटेंसी एग्जाम है.

क्या है सक्षमता परीक्षा?

बिहार में नियोजित शिक्षक अगर सक्षमता परीक्षा को पास करते हैं तो उन्हें स्थायी शिक्षक का दर्जा मिल जाएगा और वे सहायक शिक्षक कहलाएंगे. ये परीक्षा 26 फरवरी से 13 मार्च के बीच आयोजित की जाएगी.

नियोजित शिक्षकों की परीक्षा को लेकर निर्णय के लिए गठित समिति ने सरकार को सिफारिशें भी दी हैं:

हर शिक्षक को 3 मौके दिए जाएंगे. इसके लिए 4 चरणों में परीक्षा आयोजित होगी. पहले चरण के तहत 26 फरवरी को परीक्षा ली जाएगी. अगर इसे नियोजित शिक्षक पास कर गए तो वे राज्यकर्मी का दर्जा हासिल कर लेंगे, अगर कोई इसमें फेल होता है या कोई इस परीक्षा में नहीं बैठ पाता है तो उनके लिए तीन 3 चरणों में लगातार परीक्षाएं होंगी.

जो शिक्षक इन चारों चरण में होने वाली परीक्षाओं में से 3 चरणों की परीक्षा में नहीं बैठते हैं या 3 से कम चरणों में बैठते हैं या फिर 3 चरणों की परीक्षा में बैठने के बाद पास नहीं होते हैं, तो उन सभी स्थानीय निकाय शिक्षकों की सेवा समाप्त कर दी जाएगी.

ध्यान देने वाली बात ये है कि हाल में शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने कहा था कि शिक्षक घबराएं नहीं, अगर वे तीन बार में परीक्षा नहीं निकाल पाए तो उन्हें पांच बार मौका दिया जाएगा. हालांकि शिक्षा विभाग की ओर से फिलाहल ऐसी कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है.

वहीं शिक्षा मंत्री वियज चौधरी ने कहा कि, शिक्षक घबराएं नहीं, सरकार ने फिलहाल अंतिम निर्णय नहीं लिया है, इसीलिए किसी की नौकरी नहीं जाएगी.

नियोजित शिक्षक क्यों कर रहे हैं विरोध?

नियोजित शिक्षकों को स्थायी कर्मी का दर्जा मिलना तो उनके लिए खुशी की खबर है लेकिन इसमें परीक्षा देने की शर्त और विफल होने पर नौकरी खो देने के डर ने नियोजित शिक्षकों को फैसले के खिलाफ खड़े होने पर मजबूर कर दिया है.

इसको लेकर शिक्षक संघ ने ऐतराज जताया है और कहा है कि यह शिक्षकों के विरोध में लिया गया फैसला है. संघ ने कहा है कि इस फैसले को वे हाईकोर्ट में चुनौती देंगे और सरकार अलग-अलग तरीकों का फरमान निकाल कर नियोजित शिक्षकों को प्रताड़ित कर रही है.

“मुख्यमंत्री जी ने कहा था कि शिक्षकों से मामूली परीक्षा ली जाएगी बावजूद इसके बीपीएससी के पैटर्न के आधार पर शिक्षकों से ऑनलाइन परीक्षा ली जा रही है यह कहां तक उचित है. इसके पहले जो नियमावली बनी थी उसके आधार पर सरकार ने कोई फैसला नहीं लिया और नई नियमावली की तरह कई फेसले पुराने फैसले से अलग लिए गए हैं, जो शिक्षकों के हित में नहीं है.”

शिक्षक संघ

13 फरवरी को स्कूलों में उपस्थित रहने का भी आदेश जारी

नियोजित शिक्षकों की तरफ से 13 फरवरी को विरोध प्रदर्शन हो रहा है. लेकिन शिक्षा विभाग 13 फरवरी को शिक्षकों को स्कूलों में उपस्थित रहने का आदेश जारी कर चुका है. विभाग की तरफ से इस बात की चेतावनी दी गई थी की जो शिक्षक उपस्थित नहीं होंगे उनके खिलाफ विभागीय कार्यवाही की जाएगी.

लेकिन इसके बावजूद नियोजित शिक्षकों ने पटना के गर्दनीबाग में अपना आंदोलन जारी रखा है. इस आंदोलन के दौरान हजारों की संख्या में आंदोलन शिक्षक गर्दानीबाग पहुंचे हैं.

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