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Uttarakhand: उत्तराखंड UCC बिल: लिव-इन रिलेशनशिप के लिए कराना होगा रजिस्ट्रेशन, नहीं तो होगी जेल helobaba.com

ऐसी स्थिति में होगी जेल की सजा…

लिव-इन रिलेशनशिप की सभी जानकारी देने में फेल होने या गलत जानकारी देने पर आरोपी को तीन महीने की जेल और 25 हजार रुपये का जुर्माना या दोनों की सजा सुनाई जा सकती है. जो कोई भी लिव-इन रिलेशनशिप को रजिस्टर करने में विफल रहता है, उसे अधिकतम छह महीने की जेल और 25 हजार रूपए का जुर्माना या दोनों की सजा सुनाई जा सकती है.

बता दें कि रजिस्ट्रेशन में एक महीने से भी कम की देरी पर तीन महीने तक की जेल और 10 हजार रूपए का जुर्माना या दोनों की सजा सुनाई जा सकती है.

लिव-इन रिलेशनशिप में पैदा हुए बच्चों का क्या होगा?

उत्तराखंड विधानसभा में पेश किए गए समान नागरिक संहिता (UCC) में लिव-इन रिलेशनशिप के बारे में कहा गया है कि लिव-इन रिलेशनशिप से पैदा हुए बच्चों को कानूनी मान्यता मिलेगी यानी, वे “दंपति की वैध संतान होंगे.”

रिपोर्ट के मुताबिक अधिकारी ने बताया कि इसका मतलब यह है कि “शादी से, लिव-इन रिलेशनशिप में या सेरोगोसी के जरिए पैदा हुए सभी बच्चों के अधिकार समान होंगे. किसी भी बच्चे को ‘नाजायज’ नहीं माना जा सकता है. सभी बच्चों को विरासत (माता-पिता की संपत्ति सहित) में समान अधिकार होगा.

अगर महिला पार्टनर को छोड़ा तो देना होगा मेंटेनेंस

अगर किसी महिला को उसका लिव-इन पार्टनर छोड़ देता है, तो वो मेंटेनेंस का दावा कर सकती है. पीड़ित महिला उस इलाके के कोर्ट में जा सकती है, जहां लिव-इन रिलेशनशिप में रहने वाले आखिरी बार साथ रहे थे.

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